Top Update : बाबा बर्फानी के जयघोष के साथ अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू, भक्तो के स्वागत के लिए प्रशासन की ओर से तैयारिया पूर्ण

जम्मू कश्मीर । बम बम भोले जय जय बाबा बर्फानी के जय घोष के साथ इस बार वार्षिक अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होने जा रहा है। एक दिन पहले 28 जून को तीर्थयात्रियों का पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर और राम मंदिर से घाटी के लिए रवाना होगा। बाबा बर्फानी के जयघोष मंदिरों के शहर में जम्मू में गूंजना शुरू हो गए हैं। पुराने शहर के प्रसिद्ध राम मंदिर में श्री अमरनाथ यात्रा को जाने वाले साधु की टोलियां पहुंचना शुरू हो गई हैं। मंदिर में भगवान भोले का गुणगान शुरू हो गया है। वहीं, भोले के भक्तों के स्वागत के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
52 दिवसीय तीर्थयात्रा दो रास्तों से पवित्र गुफा तक पूरी की जाएगी। इसमें अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग शामिल है। दूसरा, गांदरबल में 14 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग शामिल है। पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से बाबा बर्फानी विराजमान हो गए हैं, जिनके दर्शन के लिए श्रद्धालु आतुर हैं। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। मंदिरों के शहर जम्मू के पुरानी मंडी में स्थित राम मंदिर अपने विशाल परिसर में साधुओं और साध्वियों की मेजबानी करता है। इसमें प्रशासन की तरफ से तीर्थयात्रियों के लिए मौके पर ही पंजीकरण सहित विभिन्न सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए सहयोग दिया जाता है।
भक्तों के खानपान और रहने की व्यवस्था मंदिर प्रबंधक समिति की तरफ से की जाती है।मंदिर के प्रमुख महंत रामेश्वर दास ने कहा कि साधुओं के लिए चौबीसों घंटे मुफ्त सामुदायिक रसोई सेवा और चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर पीढ़ियों से भोले के भक्तों की सेवा कर रहा है। साधुजन भगवान शिव का आशीर्वाद लेने और देश व जनता के कल्याण के लिए प्रार्थना करने के लिए अमरनाथ धाम आते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, ताकि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने सकारात्मक बदलाव के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की सराहना की। रामेश्वर दास ने कहा कि घाटी में बेहतर सुरक्षा स्थिति को देखते हुए हमें इस साल अमरनाथ तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल सकता है।