Varanàsi : महाकुंभ के बाद नागा साधुओं का पंचक्रोशी यात्रा पांच मार्च से शुरू

वाराणसी । महाकुंभ के बाद देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में नागा साधुओं ने सनातन का वैभव दिखाया । अब नागा साधु 75 किलो मीटर की पंचक्रोशी यात्रा करेंगे । यात्रा पांच मार्च को शुरू होगी और पांचों पड़ाव से होते हुए पांच दिन में पूरी होगी। नागा साधुओं ने पांचों पड़ाव के देवस्थलों पर दर्शन-पूजन करेंगे। नागा साधुओं ने महाशिवरात्रि पर बाबा का अभिषेक कर दर्शन पूजन किए और मां गंगा पुण्य अर्पित किया। श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व श्रीमहंत रवींद्र गिरि महाराज के अनुसार पांच मार्च को सुबह छह बजे ये पंचक्रोशी परिक्रमा शुरू होगी। इसमें पांच सौ से अधिक नागा साधु शामिल होंगे। पांच मार्च को सुबह छह बजे शिवाला स्थित अखाड़े से साधु-संत निकलेंगे। मणिकर्णिका तीर्थ पर कूपजल से संकल्प लेकर उनकी पंचक्रोशी यात्रा मणिकर्णिका से निकलकर ये प्रथम पड़ाव कर्दमेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगे। यहां दर्शन-पूजन के बाद विश्राम करेंगे। अगले दिन भीमचंडी के लिए रवाना होंगे। इसी तरह रामेश्वर महादेव मंदिर, पांचों पंडवा और अंतिम पड़ाव कपिलधारा पहुंचकर यात्रा पूरी करेंगे। अखाड़े के थानापति विवेक भारती ने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़े के आराध्यदेव कपिल मुनि हैं और पंचक्रोशी पड़ाव का अंतिम पड़ाव कपिलधारा है। यहां कपिल मुनि ने तपस्या की थी। इसलिए हमारे लिए ये यात्रा और महत्वपूर्ण हो जाती है।