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दमदार एक्शन ,शानदार अभिनय , और कमाल के संगीत ने फिल्म शोले को अव्वल बना दिया

नई दिल्ली । फिल्म शोले को देखने वाले ढेरो लोगो के जेहन में ये सवाल आता होगा की आखिर इस फिल्म में क्लाईमैक्स में अमिताभ बच्चन के किरदार की मौत क्यों हो जाती है ।फिल्म जगत के जाने माने रमेश सिप्पी की फिल्म शोले बॉलीवुड की एक आइकोनिक फिल्म है. फिल्म के डायलॉग्स और किरदार अमर हो चुके हैं. चाहे वो गब्बर सिंह हो या फिर वीरू, बसंती या फिर जय. दमदार एक्शन, शानदार अभिनय और कमाल के संगीत ने इस फिल्म को हिंदी सिनेमा के सबसे सफल फिल्मों की लिस्ट में अव्वल बना दिया । फिल्म डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने हाल ही में इस सवाल का जवाब दिया.हाल में दिए एक इंटरव्यू में रोहित शेट्टी ने बताया था कि फिल्म शोले के रिलीज होने के चार दिन तक फिल्म ने रफ्तार नहीं पकड़ी थी, जिसके बाद इसे रिशूट करने की बात भी होने लगी थी. चूंकि उस वक्त अमिताभ बड़े स्टार बन चुके थे, ऐसे में ये कहा जाने लगा था कि अमिताभ को क्लाइमैक्स में मारा नहीं जाना चाहिए. हालांकि बाद में फिल्म ने रफ्तार पकड़ ली और इतिहास रच दिया.रोहित शेट्टी ने कहा कि अगर आप फिल्म को दोबारा देखेंगे तो पाएंगे फिल्म में अमिताभ बच्चन के अधिकतर सीन्स धर्मेंद्र के साथ ही हैं. उनके सोलो सीन्स कम ही हैं, एक सीन है जिसमें वह मौसी के साथ नजर आए हैं. ऐसे में अमिताभ का किरदार, धर्मेंद्र के किरदार के आगे छोटा था और उस दौर की फिल्मों में छोटे हीरो की मौत हो जाया करती थी. ऐसे में शोले में भी अमिताभ को क्लाइमैक्स में मार दिया गया था और धर्मेंद्र को जिंदा रखा गया और हीरोइन का साथ भी उन्हें मिला था ।

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