Top Update : भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स तीसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना

ह्यूस्टन । भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स तीसरी बार बुधवार को अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। वह बोइंग कंपनी की स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुईं। विलियम्स अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं। वह 1998 में नासा के अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुनी गई थीं। इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ कई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के ‘केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन’ से रवाना हुआ।
विलियम्स ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा। वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान विलियम्स अंतरिक्ष में ‘ट्रायथलॉन’ पूरा करने वाली पहली व्यक्ति बनी थीं। विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं। विलियम्स को 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था और वह दो अंतरिक्ष अभियानों-2006 में अभियान 14/15 तथा 2012 में 32/33 अभियानों का हिस्सा बनीं।
उन्होंने अभियान-32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया। अंतरिक्ष यान के विकास में असफलताओं के कारण बोइंग के ‘क्रू फ़्लाइट टेस्ट मिशन’ में कई वर्षों की देरी हुई विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है। यान बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा।